Posts

Showing posts with the label ram

VEDIC FLYING ENGINES

Image
  VEDIC FLYING ENGINES When Rigveda was translated into different languages, there were no cars or planes. Translators could not understand why Vedic sages speak about flying vehicles without horses [ratha is a common term for all cars]. So if translators saw "an-ash" [without horses] they tried to put "pulled by deer or donkey". Ashwins, who looked similar, came from some planet and went. They used some Urja [energy] to lift up their vehicle straight. Their car had three seats, was triangular, was lighted [vidyut], and mysteriously, traveled faster than the mind .

राम नवमी

Image
यश कीर्ति बल वीरता वैभव की भरमार थी अवधभूप दशरथ की जगत में जयकार थी ख्याति और प्रतिष्ठा संपदा की कमी नहीं एक रिक्तता फिरभी 'सूर्यवंश' में बनी रही आस में विश्वास में अवध की भूमि थी रघुकुल की गोद अभी भी सूनी थी तीनों रानियाँ विह्वल संतति को विकल थीं अवधनरेश की चिंता बढ़ती घोर प्रबल थी यह सूर्यवंश का गौरव आगे कौन बढ़ाएगा ? क्या ये रघुकुल दीपक साथ मेरे बुझ जाएगा? वशिष्ट ने पीड़ा देखी दशरथ को समझाया और पुत्रेष्टि यज्ञ का उपाय अखंड बताया दूर जहाँ गिरिशिखरों में महानदी का उद्गम है। अतिमनोहर उपवन में श्रृंगऋषि का आश्रम है जाओ राजन दीन बनके मान गौरव क्षीण करके सादर उनको ले आओ महायज्ञ सम्पन्न कराओ नग्न पाँव दशरथ नरेश वनमार्ग में बढ़ चले हैं सेना अश्वहीन अवधेश पदयात्रा कर चले हैं गए भूपति ऋषि आश्रम निजसुत की कामना लिए अवधराज मुनि द्वार पर भिक्षुक सम याचना किए मुनिश्रेष्ठ! कृपादृष्टि करें निर्धन मैं आस पर चला यज्ञ करें संग अवध चलें याचक मैं द्वार पर खड़ा ऋषि हुए प्रसन्न अस्तु कहे वचन को वरदान कर चले स्वीकार किए मुनि याचना अवध को प्रस्थान कर चले राजगृह में यज्ञ अलौकिक जैसे बड़े ...