दुर्गादास राठौड़
दुर्गादास राठौड़ धन धरती मरुधरा धन पीली परभात। जिण पल दुर्गो जलमियो धनिया माँ झलरात।। (दुर्गा दास राठौड़) (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718) को 17वीं सदी में जसवंत सिंह के निधन के पश्चात् मारवाड़ में राठौड़ वंश को बनाये रखने का श्रेय जाता है। आगरा में ताजमहल के निकट पुरानी मंडी चौराहे पर वीर दुर्गादास राठौर की घोड़े पर सवार प्रतिमा स्थापित है। 13 अगस्त को उनका 382 वां जन्मदिवस है। आगरा। वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौर का नाम मेवाड़ ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण हिन्दुस्तान के इतिहास में त्याग, बलिदान, देश-भक्ति व स्वामिभक्ति के लिये स्वर्ण अक्षरों में अमर है। आगरा में ताजमहल के निकट पुरानी मंडी चौराहे पर वीर दुर्गादास राठौर की घोड़े पर सवार प्रतिमा स्थापित है। 13 अगस्त को उनका 382वां जन्मदिवस है। महाराजा जसवंत सिंह ने सेना में शामिल किया मारवाड़ की स्वतन्त्रता के लिये वर्षों तक संघर्ष करने वाले वीर पुरुष दुर्गा दास राठौर का जन्म जोधपुर के ए...